Physics Class 9th chapter 5 Notes in Hindi : BSEB Class 9th chapter 5 Notes in Hindi: कार्य और उर्जा (Work and energy) जब किसी वस्तु में आरोपित बल के कारण उस वस्तु में हुई विस्थापन के गुणनफल को कार्य कहते है |
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Physics Class 9th chapter 5 Notes in Hindi
हम आपके लिए इस chapter कार्य और उर्जा (Work and energy) में कम समय में परिक्षा की तैयारी करने के लिए शाँट नोट्स लाए है। जिनसे आप अपनी परिक्षा की तैयारी कम से कम समय में कर पायेंगे । इस पोस्ट में हमने इस chapter का हरेक point को आसान भाषा में cover कियें है जो आप कभी नहीं भुल पाएंगे
कार्य (Work)
जब किसी वस्तु में आरोपित बल के कारण उस वस्तु में हुई विस्थापन के गुणनफल को कार्य कहते है
- W या w इसका सुचक होता है
- यह अदिश राशि होता है
- कार्य = बल X विस्थापन या w = f x s या d
- जुल ( J ) इसका s / i मात्रक होता है
- C.G.S में इसका s / i मात्रक अर्ग ( erg ) होता है
- 1 जुल = 10⁷ erg होता है।
एक जुल
एक न्यूटन का बल किसी वस्तु पर लगाने पर अगर विस्थापन 1 मीटर हो तो जो कार्य किया गया उसे एक जुल कहा जाता है |
कार्य के लिए व्यंजक
- थीटा शुन्य डिग्री (0°) तब होता है जब विस्थापन तथा बल दोनों एक ही दिशा में हो तो कार्य = F.S होगा
- थीटा 90° तब होता है जब विस्थापन तथा बल लम्बवत् हो तो कार्य = शुन्य ( 0 ) होगा
- थीटा 180° तब होता है जब विस्थापन तथा बल एक दुसरे के विपरित हो तो कार्य = – F. S होगा
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उर्जा (Energy)
अगर किसी वस्तु द्वारा कोई काम किया जाता है तो जो उसके काम करने की क्षमता होती है उसे उसका ऊर्जा कहते हैं
- E इसका सुचक होता है
- यह एक अदिश राशि होता है
- इसका s / i मात्रक वहीं होता है जो कार्य का होता है
- ऊर्जा का व्यवसायिक मात्रक किलो वाट घंटा होता है
- 1 किलो वाट घंटा = 1 B.O.T यूनिट
- 1 B.O.T unit = 3.6×10⁶J होता है।
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उर्जा के प्रकार
यांत्रिक उर्जा
उर्जा की वह प्रक्रिया जिसके अंतर्गत कोई यांत्रिक काम किया जाता है यांत्रिक ऊर्जा कहलाता है
यांत्रिक उर्जा के प्रकार
स्थितिज उर्जा
यांत्रिक ऊर्जा की वह प्रक्रिया जिसके अंतर्गत किसी व्यक्ति या वस्तु के उसके स्थिति के कारण कार्य करने की क्षमता होती है उसे स्थितिज ऊर्जा कहते हैं जैसे टंकी में रखे हुए पानी में संचित ऊर्जा
- PE इसका सुचक होता है।
- PE र् mgh होता है
- इसे गुरुत्वीय स्थितिज उर्जा भी कहा जाता है
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गतिज उर्जा
यांत्रिक ऊर्जा की वह प्रक्रिया जिसके अंतर्गत किसी व्यक्ति या वस्तु के उसके गति के कारण कार्य करने की क्षमता होती है उसे गतिज ऊर्जा कहते हैं जैसे बहती हुई हवा उड़ती हुई चिड़िया गतिशील गेंद इत्यादि
- KE इसका सुचक होता है
- KE = 1/2 mv²
अयांत्रिक उर्जा
उर्जा की वह प्रक्रिया जिसके अंतर्गत कोई यांत्रिक कार्य नहीं किया जा सकता है अयांत्रिक ऊर्जा कहलाता है
अयांत्रिक उर्जा के प्रकार
उष्मीय उर्जा
अयांत्रिक ऊर्जा की वह प्रक्रिया जिसके अंतर्गत किसी व्यक्ति या वस्तु के उसके ताप या उष्मा के कारण कार्य करने की क्षमता होती है वह उस व्यक्ति या वस्तु का उष्मीय ऊर्जा कहलाता है अतः यह तापीय उर्जा भी कहलाता है
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रासायनिक उर्जा
अयांत्रिक ऊर्जा की वह प्रक्रिया जो किसी रासायनिक अभिक्रिया के सम्पन्न होने पर उत्पन्न होता है रासायनिक ऊर्जा कहलाता है
ध्वनि उर्जा
अयांत्रिक ऊर्जा की वह प्रक्रिया जिसके अंतर्गत किसी वस्तु में ध्वनि उत्पन्न करके कार्य करने की जो क्षमता होती है उसे ध्वनि ऊर्जा कहते हैं
विधुत उर्जा
अयांत्रिक ऊर्जा की वह प्रक्रिया जिसके अंतर्गत किसी चालक तार से विद्युत धारा उत्पन्न करके कार्य करने की जो क्षमता होती है उसे विद्युत ऊर्जा का होते हैं
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नाभिकिय उर्जा
अयांत्रिक ऊर्जा की वह प्रक्रिया जिसके अंतर्गत नाभिकीय विखंडन या नाभिकीय संलयन के संपन्न होने के बाद जो उससे उर्जा उत्पन्न होती है उसे नाभिकीय उर्जा कहते हैं
सौर उर्जा
सूर्य के द्वारा उत्सर्जित ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहते हैं
उर्जा संरक्षण का नियम
इस नियम के अंतर्गत हम यह कह सकते हैं कि रूपांतरण के पहले एवं रूपांतरण के बाद ऊर्जा का कुल परिमाण सदैव नियत होता है
- अगर किसी वस्तु को नीचे की ओर मुक्त रूप से गिराते हैं तो उसकी जो कुल ऊर्जा होती है वह हमेशा अचर होता है अर्थात यह ऊर्जा संरक्षण के नियम का पालन करता है
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उर्जा रूपांतरण
ऊर्जा जो अपने एक रूप से दूसरे रूप में बदल जाती है या बदलने की प्रक्रिया को ऊर्जा रूपांतरण कहते हैं
- उष्मीय इंजन = उष्मीय उर्जा बदलकर यांत्रिक उर्जा में।
- विधुत मोटर = विधुत उर्जा बदलकर यांत्रिक उर्जा में।
- विधुत हिटर = विधुत उर्जा बदलकर उष्मीय उर्जा में।
- माइक्रोफोन = उर्जा बदलकर विधुत उर्जा में।
- लाउडस्पीकर = विधुत उर्जा बदलकर ध्वनी उर्जा में।
- डायनेमो = यांत्रिक उर्जा बदलकर विधुत उर्जा में ।
- फोटोसेल = प्रकाश उर्जा बदलकर विधुत उर्जा में।
- सेल या बैट्री = रासायनिक उर्जा बदलकर विधुत उर्जा में।
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शक्ति (power)
कार्य करने की दर को शक्ति कहा जाता है
- P इसका सुचक होता है
- यह अदिश राशि होता है
- इसका s / i मात्रक वाट होता है
- शक्ति = कार्य / समय या P = w / t
- शक्ति का बड़ा मात्रक अश्व शक्ति ( HP ) होता है।
- 1 HP = 746 वाट
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एक वाट
यदि किसी वस्तु द्वारा 1 जूल का कार्य एक सेकेंड में किया जाता है तो उसे 1 वाट कहा जाता है
1 वाट = 1 जुल / 1 सेकेंड
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